Types Of Business Licenses – भारत में व्यवसाय लाइसेंस कितने प्रकार के होते हैं?

Types Of Business Licenses: चाहे छोटा बिजनेस हो या फिर बड़ा बिजनेस, उसे शुरू करने के लिए विभिन्न लाइसेंस व पंजीकरण की आवश्यकता होती है। इसलिए, आज हम भारत में व्यवसाय लाइसेंस कितने प्रकार के होते हैं? की जानकारी बताने वाले हैं।

भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं, सब्सिडी और सुविधाओं के लिए पात्र बनता है। इसके अलावा अगर आपके पास कोई Business License नहीं है, तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है या फिर आपको Company बंद भी करनी पड़ सकती है।

Types Of Business Licenses - भारत में व्यवसाय लाइसेंस कितने प्रकार के होते हैं?

भारत में बिजनेस शुरू करने के लिए कई प्रकार के License और Registration की आवश्यकता होती हैं। इसके अलावा आवश्यकतानुसार समय – समय पर उन्हे रिन्यु भी कराना पड़ता हैं।

हालांकि लाइसेंस प्राप्त करना थोड़ा सा मुश्किल होता है, लेकिन अगर आप पूरी जानकारी के साथ लाइसेंस के लिए आवेदन करते है, तो आपको कम समय में लाइसेंस मिल जाता है।

अगर आप भारत में कोई बिजनेस या व्यवसाय शुरू करना चाहते है लेकिन आपको इसके लिए आवश्यक लाइसेंस व पंजीकरण के बारे में जानकारी नहीं है, तो आपको इस Types Of Business Licenses And Permits आर्टिकल को पूरा पढ़ना चाहिए।

Table of Contents

Business Licenses In India – भारत में व्यवसाय लाइसेंस क्या है?

बिजनेस लाइसेंस केंद्र, राज्य और नगरपालिका सरकार द्वारा जारी किया गया लीगल डॉक्यूमेंट होता है जो आपको किसी विशेष क्षैत्र में व्यवसाय शुरू करने की अनुमति देता है। किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए केंद्र,राज्य तथा नगरपालिक द्वारा विभिन्न प्रकार लाइसेंस तथा परमिट जारी किए जाते हैं।

एक Business Licenses And Permits प्राप्त करने वाले व्यक्ति को अपने अधिकार क्षैत्र में बिजनेस शुरू करने का कानूनी अधिकार प्रदान करता है। बिना लाइसेंस के आप कोई भी Business नहीं कर सकते है और न ही आपको Government Schemes का लाभ मिलता हैं।

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NOTE: यहां पर हमने लाइसेंस और परमिट शब्द का इस्तेमाल किया हैं। जानकारी के लिए मैं आपको बता दूं कि कई बार इन दोनों शब्दो को एक दुसरे के स्थान पर उपयोग किया जाता है लेकिन कई बार इन दोनो शब्दो के अलग अलग कानूनी अर्थ होते हैं।

जानकारी के लिए मैं आपको बता दूं कि लाइसेंस सरकार की विभिन्न एजेंसी द्वारा जारी किया जाता हैं। यह आपको ऐसे कार्य करने की अनुमति देता है। इसके बिना आपको अनुमति नहीं है। वहीं परमिट आपको बस कुछ करने की अनुमति देती है।

Business Licenses In India – व्यवसाय लाइसेंस क्यों जरुरी है

व्यवसायिक लाइसेंस सरकार द्वारा जवाबदेही, पारदर्शित तथा कस्टमर सरंक्षरण बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। व्यवसाय लाइसेंस बिजनेस के लिए महत्वपूर्ण है, चाहे वह घरेलू बिजनेस या फिर उद्योग आधारित बिजनेस हो।

Benefits Business License – व्यवसाय लाइसेंस के लाभ

बिजनेस लाइसेंस लेने के निम्न फायदे होते हैं-

  • जो बिजनेस लाइसेंस के अनुरूप होते है, उन्हे भारत सरकार या अन्य ऑर्गेनाइजेशन द्वारा दी जाने वाली योजनाओं, सुविधाओ, सब्सिडी और स्पोर्ट जैसे फायदे मिलते हैं।
  • व्यवसायिक लाइसेंस ग्राहको तथा स्टेकहॉल्डर्स में बिजनेस के प्रति यह विश्वास पैदा किया जाता है कि वे अपने कार्यों के प्रति जवाबदेह हैं।
  • लाइसेंस वाले बिजनेस को बातचीत की प्रक्रियाओं के दौरान, दुसरो, जो अभी लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं, पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल होती है।

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बिजनेस लाइसेंस प्राप्त करने के लिए योग्यता

व्यवसायिक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक पात्रता-

  • Business License प्राप्त करने के लिए आवेदन करने वाले की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  • आपका बिजनेस Legal होना चाहिए।
  • लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदनकर्ता का कोई भी अपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
  • लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज होने चाहिए।

भारत में व्यवसाय लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अनिवार्य दस्तावेज

भारत में व्यवसाय लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जरुरी दस्तावेज-

  • पैन कार्ड
  • बैंक स्टेटमेंट
  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस/ वोटर ID कार्ड/ आधार कार्ड
  • साझेदारी विलेख (partnership deed)
  • पते का प्रमाण या मकान मालिक से अनापत्ति प्रमाण पत्र
  • व्यवसाय का प्राधिकार पत्र
  • रेंट एग्रीमेंट या लीज एग्रीमेंट
  • मेमोरेंडम ऑफ एसोशिएशन और आर्टिकल ऑफ एसोशिएशन

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Types Of Business Licenses And Permits – भारत में व्यवसाय लाइसेंस कितने प्रकार के होते हैं?

भारत में किसी भी Business को शुरू करने के लिए Business License होना आवश्यक है। बिजनेस के प्रकार, लोकेशन, कंपनी के मालिकों की संख्या तथा अन्य कारकों के आधार पर अलग अलग प्रकार के व्यवसाय लाइसेंसों की आवश्यकता पड़ती है। जो कि निम्न है-

1. कंपनी रजिस्ट्रेशन

यह भारत में एक नई व्यवसायिक यूनिट के लिए पहली आवश्यकता है। इससे आपके बिजनेस को एक स्थायी एक्सिस्टेंस, अलग कानूनी पहचान और लिमिटेड लायबिलिटी प्रोटेक्शन मिलती हैं। भारत में कंपनियों का रजिस्ट्रेशन MCA यानि कि मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोकेट अफेयर्स द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार कंपनी की सरंचना और बिजनेस में शामिल पार्टनर के आधार पर कंपनी के निम्न रुप है और इसके अनुसार ही आपको कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

A. एक व्यक्ति कंपनी (OPC)

एक व्यक्ति कंपनी (One Person Company) एक ऐसी कंपनी है जिसमें शेयरधारक के रुप में केवल एक व्यक्ति शामिल होता है। यह कंपनी को बनाने तथा वैध वाणिज्यिक संचालन करने में सक्षम होता है।

B. प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (PLC)

प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सार्वजनिक न होकर किसी व्यक्ति या कुछ व्यक्तियों की निजी कंपनी होती है। यह शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड नहीं होती है। इस पर कुछ व्यक्तियों का ही अधिकार होता है। इसमें शेयरधारको तथा कंपनी के कर्मचारियों की संख्या निर्धारित होती हैं।

C. पब्लिक लिमिटेड कंपनी

साधारण शब्दो में कहे तो पब्लिक लिमिटेड कंपनी एक ऐसी कंपनी होती है जिसमें आम जनता ही भागीदारी होती है। यह आम जनता को बिना किसी प्राथमिकता के शेयरधारक बनने के लिए आमंत्रित कर सकती है।

D. एकल स्वामित्व कंपनी (SPC)

एकल स्वामित्व कंपनी एक ऐसी कंपनी है जिसका स्वामित्व, प्रंबधन तथा नियंत्रण एक ही व्यक्ति द्वारा किया जाता है।

E. साझेदारी फर्म

साझेदारी फर्म में दो या दो से अधिक साझेदार भूमिकाओं, जिम्मेदारियों, अधिकार और स्वामित्व वाले शेयरों की संख्या पर सहमत होते हैं।

F. सीमित देयता भागीदारी

जहां Business Asset सीमित देयता सुरक्षा प्रदान करती है। इसके साथ में साझेदार देनदारियों का भुगतान करने के लिए शेयर की राशि पर सहमत होते है।

G. सेक्शन 8 कंपनी

इसे NGO या गैर लाभकारी संगठन के रुप में भी जाना जाता है। इसका उद्देश्य कला, विज्ञान, वाणिज्य, अनुंसधान, शिक्षा, सामाजिक कल्याण, दान, धर्म, पर्यावरण संरक्षण या अन्य सामान्य उद्देश्यों के क्षैत्रों को  बढ़ावा देना होता है।

2. GST रजिस्ट्रेशन

इंटरस्टेट आपूर्ति वाले बिजनेस और तय सीमा से अधिक टर्नऑवर वाली व्यवसायिक संस्थाओं को Goods And Service Tex के तहत रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके अलावा कुछ अन्य मानदंड भी है जो कि बिजनेस के लिए GST Registration अनिवार्य रुप से आवश्यक बनाते हैं।

नए बिजनेस के लिए निर्धारित समय सीमा के अंदर जीएसटी रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन करना जरुरी है। ध्यान रखे कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन नि:शुल्क होता है। अगर आप अपने बिजनेस के लिए GST Registration करवाना चाहते है, तो आपको 2 से 6 कार्य दिवस लग सकते हैं।

3.उद्यम रजिस्ट्रेशन

इस License के लिए आवेदन करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम व्यवसाय पात्र है। हालांकि यह इतना जरुरी नहीं है लेकिन अगर आप उद्यम के तहत रजिस्ट्रेशन करवाते है, तो आपको सरकारी योजनाओं, लोन स्कीम्स, सब्सिडी आदि का लाभ मिलता हैं।

उद्यम के तहत रजिस्ट्रेशन करने के लिए पात्रता मानदंड इनवेस्टमेंट, टर्न ऑवर तथा स्थापना के वर्ष आदि पर निर्भर करती हैं। जब आप MSME के रुप में पंजीकृत होते है, तो आपको एक यूनिक उद्यम रजिस्ट्रेशन नंबर (URN) और एक प्रमाण पत्र मिलता है जिससे आपको सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में मदद मिलती है।

4. इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड

अगर आप भारत में, Import And Export संबधित बिजनेस करते है, तो इसके लिए आपको एक विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होती है। इसे Import Export Code के रुप में जाना जाता है। इसे डायरेक्टरेट जनरल फॉरेन ट्रेड, मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स के तहत जारी किया जाता है।

इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड प्राप्त करने के लिए आपके पास PAN Card, करंट बैंक अकाउंट प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, आइडेंटिटी कार्ड, बिजनेस रेजिडेंस प्रूफ आदि दस्तावेजो आवश्यकता पड़ती है। आईईसी लाइसेंस के लिए 500 रुपये सरकारी शुल्क है और इसमें 10 से 15 दिन लग सकते हैं।

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5. दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत लाइसेंस (शॉप एंड इस्टैबल्शिमेंट एक्ट)

यह लाइसेंस दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम या शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत आता है। यह काम का समय (घंटे), बाल श्रम, सेलेरी पॉलिशी आदि पर निगरानी रखता है।

यह लाइसेंस राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाता है, इसलिए इस लाइसेंस के लिए Guidelines अलग अलग राज्यो के लिए अलग अलग होती है। रिटेल स्टोर शुरू करने के लिए आपको दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत ही लाइसेंस प्राप्त करना होता है।

6. Gumastha Registration

अगर आप महाराष्ट्र राज्य में रहते है, तो आपको किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए Gumastha लाइसेंस की आवश्यकता होती है।

इसे प्राप्त करने के लिए आवेदनकर्ता के पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ, ग्रेटर मुंबई नगर पालिक को आवेदन पत्र, बिजनेस के लिए प्राधिकरण पत्र सहित अन्य डॉक्यूमेंट होने चाहिए। इस लाइसेंस के लिए शुल्क कर्मचारियों की संख्या के आधार पर 680 से 21800 रुपये तक हो सकती है।

7. खाद्य संबधित व्यवसाय के लिए FSSAI लाइसेंस

भारत में खाद्य संबधित किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए FSSAI लाइसेंस की आवश्यकता होती है। चाहे वह बिजनेस पैकेज्ड फूड, क्लाउड किचन, रेस्तरां आदि हो। FSSAI भारत में कहीं भी बिकने वाले खाद्य उत्पाद की सुरक्षा तथा मानकीकरण की जिम्मेदारी लेती है।

एफएसएसएआई लाइसेंस सभी रिटेल स्टोर, कियोस्क, फूड आइटम बेचना, क्लाउड किचन, कैटरर्स, रेस्तरां, ट्रेड आउटलेट को एफएसएसएआई लाइसेंस की आवश्यकता पड़ती हैं। इस लाइसेंस को समय समय पर रिन्यू भी कराना पड़ता है।

FSSAI लाइसेंस तीन प्रकार के होते है:

  • FSSAI सेंट्रल लाइसेंस
  • FSSAI राज्य लाइसेंस
  • FSSAI राज्य पंजीकरण

एफएसएसआईए लाइसेंस को व्यवसाय के टर्नऑवर के आधार पर वर्गीकरण:

  • FSSAI बेसिक रजिस्ट्रेशन – बिजनेस का 12 लाख तक का टर्नऑवर
  • FSSAI राज्य रजिस्ट्रेशन – बिजनेस में 12 से 20 करोड़ रुपये तक का टर्नऑवर के लिए
  • FSSAI केंद्रीय रजिस्ट्रेशन – 20 करोड से अधिक टर्नऑवर के लिए

8. भारत में फैक्ट्री शुरू करने के लिए लाइसेंस

अगर आप भारत में कोई फैक्ट्री शुरू करना चाहते है, तो इसके लिए आपको फैक्ट्री एक्ट, 1948 के तहत रजिस्ट्रेशन करना होगा। यह लाइसेंस स्टेट गवर्नमेंट जारी करती है।

इसके अलावा बिजनेस के प्रकार तथा स्टेट रेगुलेशंस के अनुसार सेफ्टी, वेलफेयर और लेबर्स के तहत अतिरिक्त परमिट की आवश्यकता पड़ सकती हैं।

9. अन्य लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन

भारत में ऐसे कई सारे अन्य बिजनेस है जिनके बारे में ऊपर बतायी गई लिस्ट में नहीं बताया गया है। लेकिन उनके लिए भी लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता पड़ती है।

नागरिको तथा पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, जहां पर सरकार को लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन  की आवश्कता महसूस लगती है, वहीं लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर सकती है।

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FAQs – भारत में व्यवसाय लाइसेंस कितने प्रकार के होते हैं?

प्र. भारत में व्यवसाय लाइसेंस क्या है?

उ. व्यवसाय लाइसेंस एक लीगल डॉक्यूमेंट होता है जो लाइसेंसधारी को अपने क्षैत्र में बिजनेस को शुरू करने के लिए अनुमति प्रदान करता है।

प्र. भारत व्यवसाय लाइसेंस कितने प्रकार के होते है?

उ. भारत में विभिन्न प्रकार के व्यवसाय लाइसेंस होते है
– कंपनी रजिस्ट्रेशन
– जीएसटी रजिस्ट्रेशन
– उद्यम रजिस्ट्रेशन
– इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड
– दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत लाइसेंस
– Gumastha Registration
– ट्रेड लाइसेंस
– FSSAI लाइसेंस

प्र. अगर मैं बिना  लाइसेंस के बिजनेस शुरू करता हूं, तो क्या होगा?

उ. दरअसल, भारत में किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए लाइसेंस अनिवार्य होता है। अगर आप बिना लाइसेंस के बिजनेस शुरू करते है, तो जुर्माना भरना पड़ सकता है या फिर सरकार आपकी कंपनी को ही बंद कर सकती है।

प्र. लोगो को दुकान चलाने का लाइसेंस कौन देता है?

उ. लोगो को दुकान चलाने के लिए लाइसेंस स्थानीय निकाय यानि कि नगर निगम द्वारा दिया जाता है।

प्र. लाइसेंस में क्या क्या डॉक्यूमेंट लगता है?

उ. बिजनेस लाइसेंस लेने के लिए आपको निम्न दस्तावेजों की जरुरत होती है-
– पैन कार्ड
– बैंक स्टेटमेंट
– पासपोर्ट
– ड्राइविंग लाइसेंस/ वोटर ID कार्ड/ आधार कार्ड
– साझेदारी विलेख (partnership deed)
– पते का प्रमाण या मकान मालिक से अनापत्ति प्रमाण पत्र
– व्यवसाय का प्राधिकार पत्र
– रेंट एग्रीमेंट या लीज एग्रीमेंट
– मेमोरेंडम ऑफ एसोशिएशन और आर्टिकल ऑफ एसोशिएशन

Conclusion – भारत में व्यवसाय लाइसेंस कितने प्रकार के होते हैं?

भारत में किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए विभिन्न प्रकार के लाइसेंस व परमिट की आवश्यकता होती है। अगर आपका Business License का अनुपालन करता है, तो आप भारत सरकार द्वारा शुरू की जाने वाली विभिन्न योजनाओं, सुविधाओं तथा सब्सिडी का लाभ लेने के लिए पात्र हो जाते है।

आज हमने इस लेख में “भारत में व्यवसाय लाइसेंस कितने प्रकार के होते हैं?” के बारे में जाना। इस लेख में हमनें भारत में व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक सभी लाइसेंस के बारे बताया गया है।

लेकिन आपको अपने क्षैत्र में बिजनेस शुरू करने के लिए किन किन Business Licenses And Permits की आवश्यकता है, यह जानने के लिए आपको केन्द्र, राज्य तथा नगरपालिक सरकारों से जांच करनी होगी।

इसे पढ़ें: बिजनेस में कंपटीशन हो तो क्या करें – Top 10 Competition In Business Plan

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